बुद्ध पूर्णिमा पर धम्मचक्र प्रवर्तन का नाट्य मंचन सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल चन्धासी ब्रांच में हुआ

चन्धासी,चंदौली: जब सूरज ने सुनहरे रेशमी रथ पर चढ़कर आकाश की आँखों में शांति का काजल उतारा और पवन ने फूलों की पंखुड़ियों में बुद्धत्व की गंध भर दी तब सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल चन्धासी ब्रांच का प्रांगण बुद्ध पूर्णिमा के पावन आलोक में नहाया हुआ प्रतीत हुआ। इस दिव्य अवसर पर एक सांस्कृतिक सरिता फूटी जिसकी धार में धम्मचक्र प्रवर्तन पर आधारित एक नाटकीय काव्यगाथा सेंट्रल पब्लिक स्कूल चन्धासी के छात्रों द्वारा प्रवाहित की गई।
विद्यार्थियों ने जब मंच पर कदम रखा यह तो वह केवल अभिनय नहीं था बल्कि वह जैसे आत्मा की थाली में परोसा गया बोधि-वचन था।भगवान बुद्ध के जीवन का वह मधुरतम मोड़ जब ज्ञान की सरिता ने उनके हृदय से बहकर,अन्नकोंडन्न,वप्पा,भद्धि,महानाम,अस्सजि पंचवर्गीय भिक्षुओं को छुआ जो मंच पर ऐसे उतरा जैसे समय स्वयं ठहर गया हो।
चार आर्य सत्य,दुःख, तृष्णा,निरोध और मार्ग मंच पर ऐसे खिले जैसे आत्मा के बगीचे में मौन कमल खिला।हर संवाद शहद में डूबे शब्दों-सा मन में उतरता गया और हर दृश्य मानो बुद्ध के पदचिन्हों पर बिछे फूलों का स्पर्श कराता रहा। आयोजन केवल एक नाटक नहीं बल्कि श्रद्धा से सजी शांति की आरती थी जहाँ अभिनय बना उपदेश,संवाद बने मंत्र और मंच बन गया महाबोधि वृक्ष की छांव,संस्कृति, करुणा और समर्पण की इस मधुरगंधी समय ने सभी उपस्थितों के मन में धम्मचक्र की मृदु गति भर दी
सीपीएस स्कूल्स के सीएमडी आदरणीय डा.विनय कुमार वर्मा ने मंच पर उपस्थित होकर आशिर्वचन स्वर में कहा कि हमारे बच्चों ने आज नाटक नहीं एक जीवन-दर्शन प्रस्तुत किया है।उन्होंने भगवान बुद्ध के उपदेशों को केवल मंच पर नहीं बल्कि अपने मन में उतारा है। यही सच्ची शिक्षा हैं।जब अभिनय शिक्षा से आगे बढ़कर संस्कार बन जाए। इस दौरान विद्यालय (चन्धासी) की प्रिंसिपल विधु श्रीवास्तव, साहुपुरी ब्रांच की प्रिंसिपल सपना पाण्डेय व अन्य सभी शिक्षक उपस्थित रहे।