महाबलपुर बचाओं संघर्ष मोर्चा जन आंदोलन के लिए अब बाध्य होगा

चंदौली, पीडीडीयू: रविवार को देर रात दुल्हीपुर महाबलपुर बचाओ संघर्ष मोर्चा एवं किसान न्याय मोर्चा की संयुक्त बैठक सिक्स लेन चौड़ीकरण के विरोध में मोर्चा के कैंप कार्यालय दुल्हीपुर में बैठक संपन्न हुआ। बैठक में सर्व प्रथम पूर्व प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। उसके बाद बैठक को संबोधित करते हुए किसान न्याय मोर्चा के संयोजक एडवोकेट महेंद्र यादव एवं दुल्हीपुर महाबलपुर बचाओ संघर्ष मोर्चा के संरक्षक समाजसेवी रतन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि दुल्हीपुर महाबलपुर में फोरलेन चौड़ीकरण एवं उस जद में आने वाले परिवारों को मुआवजा की मांग को लेकर पिछले दो वर्षों से संघर्ष चल रहा है।
लेकिन जिला प्रशासन और सरकार द्वारा अभी तक उचित मांगों पर विचार नहीं किया। जब कि रामनगर से पड़ाव तक फोरलेन सड़क चौड़ीकरण हो रहा है वहीं पड़ाव से मुगलसराय तक सिक्स लेन सड़क चौड़ीकरण हो रहा है फिर मुगलसराय से गोधना मोड़ फोरलेन सड़क चौड़ीकरण हो रहा है। मोर्चे की प्रमुख मांग है की मुगलसराय में जहां जाम लगता है वहां पर फोरलेन हो रहा है जहां जाम नहीं लगता वहां सिक्स लेन हो रहा है इसलिए दुल्हीपुर में भी फोर लेन की मोर्चे द्वारा मांग की जा रही है जिससे तमाम गरीबों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है उन्हें राहत मिलेगा जबकि सरकार की मंशा है कि गरीबों का घर न तोड़ा जाए फिर भी जनप्रतिनिधियों द्वारा अनदेखी की जा रही है अभी पिछले 1 महीने पूर्व माननीय सर्वोच्च न्यायालय का एक फैसला आया है। उत्तर प्रदेश शासन को निर्देशित किया है कि किसी के भी घरों को बिना अधिग्रहण की कार्रवाई किए हुए बिना उन्हें नोटिस दिए हुए बिना उन्हें मुआवजा दिए उनके घरों को ना तोड़े सुप्रीम कोर्ट ने 6 बिन्दुओं पर उत्तर प्रदेश सरकार को उचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन किए बिना तब तक किसी के घरों को ना तोड़े यदि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं करते हैं तो मोर्चा जिला प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग एवं कार्य संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा।
निर्देश का पालन नहीं करने पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि उसकी जांच सी बीआई द्वारा किए जाने का प्रावधान है। इसलिए यथाशीघ्र जिला प्रशासन कार्यदायी संस्था एवं लोक निर्माण विभाग को निर्देशित करे कि बिना सर्वोच्च न्यायालय के नियमों का पालन किये 2013 कानून के तहत सभी लोगों को उचित मुआवजा दिए बिना उनके विस्थापन की प्रक्रिया पूरी किए हुए कोई ऐसी कार्रवाई न करें। यदि मोर्चा के मांगों पर विचार नहीं हुआ तो मोर्चा जन आंदोलन के लिए बाध्य होगा। बैठक में किसान न्याय मोर्चा एवं दुलहीपुर महाबलपुर बचाओ संघर्ष मोर्चा की ओर से स्वामी भजनानंद जलालुद्दीन अंसारी पूर्व प्रधान, आर.के. शर्मा, चितरंजन सोनकर, महेंद्र शर्मा, गुलाम मोहम्मद, गोपाल शर्मा, फारूख भाई, सुशील पटेल, नंदकुमार गुप्ता, नसीम एडवोकेट, गोविंद गुप्ता, बकोला, खलील, बादल, त्रिलोकी गुप्ता, परवेज एवं भारी संख्या में पीड़ित दुकानदार उपस्थित थे।