सीपीएस स्कूल गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों की अजीम क़ुर्बानी एक बे-मिसाल पर

पीडीडीयू,चंदौली: 26 दिसंबर 2024 बृहस्पतिवार को सेंट्रल पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने जीटी रोड स्थित गुरुद्वारा मुगलसराय के रूहानी प्रांगण में इन हुतात्माओं की शहादत पर मबनी झांकियां देखने का मौका हासिल किया। इस मौक़े पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (मुगलसराय) के ज़िम्मेदार अफ़राद ने इन साहिबजादों की अज़ीम क़ुर्बानी को याद करते हुए उनके शौर्य और बलिदान के तफ़सीलात से बच्चों को आगाह किया।
कमेटी के मेम्बरान ने बताया कि साहिबजादा अजीत सिंह और साहिबजादा जुझार सिंह ने चमकौर की लड़ाई में अपने अदम्य शौर्य का मुज़ाहिरा करते हुए शहादत का जाम पिया। वहीं साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह ने बेहद कम उम्र में सरहिंद के नवाब के ज़ुल्म के सामने सर झुकाने से इनकार कर दिया और दीवार में जिंदा चुनवा दिए गए। इन चारों साहिबजादों की यह क़ुर्बानी सिख इतिहास का सबसे दर्दनाक हिस्सा है।
इस मौक़े पर सेंट्रल पब्लिक स्कू्ल्स के सीएमडी डा. विनय कुमार वर्मा ने अपने जोश-ओ-ख़रोश से भरे कलाम के साथ इन अज़ीम शहीदों को खिराज-ए-अक़ीदत पेश की। उन्होंने अपनी ओजस्वी आवाज़ में “गुरू गोबिंद सिंह जी के बच्चे अभी उमर में थे कच्चे, मगर वे सिंह के थे बच्चे” गाकर सभी के दिलों को जोश से भर दिया और कहा कि ये शहादतें हमें ये सिखाती हैं कि अदल, इंसाफ़ और इंसानियत के लिए जान देना फ़ख्र की बात है। उन्होंने बच्चों को इस बात पर ज़ोर दिया कि हमें अपनी जिंदगी में कभी किसी ज़ालिम के आगे सर नहीं झुकाना चाहिए और अगर झुकना है तो सिर्फ़ ईश्वर के सामने।
इस प्रोग्राम का सबसे अहम पहलू ये था कि बच्चों को साहिबजादों के शौर्य और उनके ईमान का सबक़ दिया गया, ताकि आने वाली नस्लें इंसाफ़, बराबरी और इंसानियत की हिफ़ाज़त के लिए हमेशा तैयार रहें। गुरुद्वारा के रूहानी माहौल में ये प्रोग्राम हर शख़्स के दिल को छू गया और सभी ने उस अज़ीम क़ुर्बानी के मायने और उसके असर को महसूस किया।