माँ काली मंदिर परिसर में हुआ रामलीला का मंचन

चकिया,चंदौली: मां काली मंदिर परिसर में रविवार की शाम धर्म प्रचारक रामायण रामलीला मंडल विंध्याचल धाम काशी के तत्वाधान में रामलीला महोत्सव में दूसरे दिन की लीला में पात्रों ने ताड़का वध, अहिल्या उद्धार लीला का भावपूर्ण मंचन किया गया।
रामलीला मंच पर प्रथम दृश्य में विश्वामित्र अपना यज्ञ करते हैं और राक्षस उनके यज्ञ में विघ्न डालते हैं। इस दौरान उन्हें पता चलता है कि ब्रह्म का अवतार धरती पर राजा दशरथ के घर पुत्र के रूप में हो चुका है और इसी कार्य के लिए हुआ है। इसके बाद वे राम-लक्ष्मण दोनों को मांगने के लिए चलते हैं। दूसरे दृश्य में विश्वामित्र राजा दशरथ के दरबार में पहुंचकर राम लक्ष्मण को मांगते हैं, परंतु वे प्रेमवश मना कर देते हैं, जिससे विश्वामित्र नाराज हो जाते हैं। इसके बाद गुरु वशिष्ठ के समझाने पर विश्वामित्र को राम लक्ष्मण सौंप देते हैं। विश्वामित्र दोनों भाइयों को लेकर वन की ओर जाते हैं और बताते है कि यहां पर ताड़का नाम की राक्षसी अपने पुत्र सुबाहु, मारीच के साथ रहती है और वह सुकेतु यक्ष की पुत्री है।
अगस्त ऋषि के श्राप के कारण इस वन में रह कर उत्पात मचाती है। इसलिए वह राम को कहते हैं कि इस राक्षसी का वध करना आवश्यक है। इसके बाद युद्ध होता है, जिसमें राम के हाथों ताड़का का वध होता है। इसके बाद आगे चलकर विश्वामित्र राम को अहिल्या के बारे में बताते है कि यह पत्थर की शिला शाप के कारण पत्थर बन गई थी। इसके बाद राम अहिल्या का उद्धार करते हैं। और विश्वामित्र की आज्ञा से राम और लक्ष्मण सीता स्वयंवर के लिए जनक नगरी की ओर प्रस्थान किये। जहां रामलीला का विराम हुआ।
इस अवसर पर जगरोपण चौरसिया ,जनार्दन मद्धेशिया, शिवांश विश्वकर्मा, प्यारेलाल सोनकर ,सुशील पांडेय सहित तमाम रामलीला प्रेमी मौजूद रहे।रामलीला मंचन में व्यास राजेश्वरी रामसखा जीत बहादुर मुन्नु रमेश सुनील पांडेय सहित अन्य कलाकारों ने भाग लिया।