रामवन गमन की कथा सुनकर भाव विभोर हुए श्रोता

चकिया,चंदौली: सिकंदरपुर शिव मंदिर परिसर में जागृति सेवा समिति द्वारा श्रीराम कथा का आयोजन चल रहा है।
यह नौ दिवसीय कथा वृंदावन से पधारे राष्ट्रीय संत पूज्य मुकेश आनंद जी महाराज के सान्निध्य में हो रही है।
व्यास पीठ से मुकेश आनंद जी महाराज ने रविवार को श्री राम कथा की सातवीं निशा को संबोधित करते हुए को श्रीराम और केवट संवाद का प्रसंग सुनाया।
कथा के दौरान पूज्य मुकेश आनंद जी महाराज ने बताया कि रामजी को सीताजी और लक्ष्मण सहित गंगा नदी पार कराने से पूर्व केवट ने श्रीराम के चरण धोने की शर्त रखी, जिसके लिए हंसते हुए श्रीराम ने हां कर दी। गंगा नदी पार कराने के बाद केवट ने उतराई लेने से भी मना कर दिया और प्रभु श्रीराम से बोले कि प्रभु मैने इस लौकिक संसार में आपको गंगाजी के एक तट से दूसरे तट में जाने में सहायता की है।
आप के धाम आने पर मुझे बहुसागर से पार लगा देना। केवट कि भक्ति पूर्ण चतुराई को समझकर प्रभु श्रीराम ने प्रसन्नता व्यक्त की। इसके बाद व्यासपीठ से महाराज ने प्रभु श्रीराम के वन गमन का बड़ा ही हृदय स्पर्शी चित्रण किया, जिसे सुनकर श्रोताओं के आंखों से प्रेम के आंसू छलक गए।
कोईलरवा हनुमान जी के महंत रामचंद्र त्यागी ने कहा कि राम कथा हमें सच्चे भक्त बनने की प्रेरणा देती है जो भगवान के प्रति समर्पित रहते हैं और उनकी आज्ञा का पालन करते हैं।
कथा मंच से आरती करने के बाद विधायक कैलाश आचार्य ने कहा कि श्री राम कथा पारिवारिक रिश्तों की अहमियत को भी दर्शाती है जैसे की माता-पिता पत्नी भाई और बच्चों के प्रति प्रेम और सम्मान को स्थापित करती है।
इस अवसर पर प्रधान सीमा गुप्ता डॉक्टर गीता शुक्ला कोईलरवा हनुमान जी के महंत रामचंद्र त्यागी, देवरहा बाबा आश्रम सिकंदरपुर के महंत हरिनाम दास, पुर्व ग्राम प्रधान हीरालाल यादव बोदर विश्वकर्मा सत्य प्रकाश गुप्ता शहाबगंज मंडल अध्यक्ष रिंकू विश्वकर्मा सुभाष विश्वकर्मा सागर श्रीवास्तव संजय पटेल देशराज सिंह पटेल विद्या गुरुजी सहित तमाम कथा श्रोता मौजूद रहे।