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रंग मंच के कलाकारों ने जीवित रखा है,भारत के संस्कृति धरोहर को:विजय गुप्ता

पीडीडीयू,चंदौली: अस्मिता नाट्य संस्थान ने विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर नाटक आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया का मंचन किया गया।इस नाटक के माध्यम से यह दिखाया गया कि इस नाटक में महंगाई भ्रष्टाचार बेरोजगारी से जूझ रही नगर की देश की जनता पर दर्शाया गया था देशवासियों को धर्म के अफीम में भिगोकर समाज की जनता को गुमराह करते हुए दिखाया गया।जैसा कि आज महंगाई इस कदर आम आदमी पर भारी पड़ रही है कि अपने रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को आमदनी अठन्नी है और खर्चा रुपया है जैसा की सभी लोग अपने परिवार का पालन पोषण तो कर रहे हैं।

लेकिन उसके बावजूद भी कहीं ना कहीं जरूरत की चीजों को लोन लेकर या किसी से उधार लेकर पूरा करना पड़ रहा है। इस दौरान संस्था के महासचिव विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि आज रंगमंच की दुनिया वीरान होती जा रही है और इस पर सरकार भी ध्यान नहीं दे रही है और आज की युवा पीढ़ी भी इससे दूर होते जा रहे हैं। कहीं ना कहीं कुछ ऐसे रंग कलाकार है जो अपने अपने लोक कलाओं से अपने देश भारत की संस्कृति को जीवित रखे हैं।इस नाटक के लेखक एवं निर्देशक ऋषि कुमार गुप्ता रहे,मुख्य कलाकार नीलम वर्मा एवं आकाश पांडेय,देवेश कुमार,रवि शंकर,राकेश अग्रवाल,अजय गुप्ता थे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रतनलाल श्रीवास्तव एवं अध्यक्षता डॉ राजकुमार गुप्ता ने किया। मंच सज्जा हेमंत कुमार विश्वकर्मा एवं रूप सजाया जमील सिद्दीकी ने किया।

Indians News

Editor in Chief

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